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Tuesday 17 April 2018

तेज गर्मी और लू से बचाव के उपाय करें

तेज गर्मी और लू से बचाव के उपाय करें 

खण्डवा 17 अप्रैल, 2018 - ग्रीष्मकाल में बढ़ते तापमान एवं लू से बचने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी नागरिकों से सावधानियाॅं बरतने का आग्रह किया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा नागरिकों से अपील की गई है कि जिले में ग्रीष्मकाल में 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर तापमान पहुंच जाता है, इस अवधि में अधिक देर तक बाहर धूप में रहने से लू के शिकार होने की संभावना अधिक रहती है। लू से शिकार व्यक्ति को तेज सिर दर्द होता है मुंह-जुबान सूखने लगती है, माथे, हाथ, पैर से पसीना आता है व घबराहट होती है और प्यास लगती है, उल्टी होती है भूख नहीं लगती है तथा हालत अधिक खराब होने से मरीज बेहोश हो जाता है । गर्मी के कारण शरीर मेेें पानी की कमी हो जाती है, बुखार हाथ पैरों में दर्द, आंखों और पैशाब में जलन के साथ ही कभी-कभी दस्त भी लगते है। साथ  ही पानी की कमी के कारण मृत्यु का खतरा भी बना रहता है। 
लू से बचाव के लिये ये सावधानियाॅं रखें
    गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढ़ककर ही धूप में निकलें। रंगीन चश्में व छतरी का प्रयोग करें। गर्मी के दिनों में धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले कपड़ों का प्रयोग करें।  बिना भोजन किये बाहर न निकलें । भोजन करके एवं पानी पीकर ही बाहर निकलें । गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पियें एवं पेय पदार्थों का अधिक-से-अधिक मात्रा में सेवन करें । जहाॅं तक संभव हो ज्यादा समय तक धूप में खड़े होकर व्यायाम या मेहनत न करें एवं बहुत अधिक भीड़, गर्म व घुटन भरे कमरों, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में नहीं करें । 
लू से पीड़ित होने पर, ये प्राथमिक उपचार करें
लू से पीड़ित रोगी को तुरन्त छायादार स्थान पर कपड़े ढ़ीलें कर लिटा दें एवं हवा करें । रोगी को होश आने की दशा में उसे ठण्डे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पना आदि दें। प्याज का रस अथवा जौ के आटे को भी ताप नियंत्रण हेतु मला जा सकता है। रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिये यदि संभव हो तो उसे ठण्डे पानी से स्नान करायें या उसके शरीर पर ठण्डे पानी की पट्टियाॅं रखकर पूरे शरीर को ढंक दें । इस प्रक्रिया को तब तक दोहरायें जब तक की शरीर का ताप कम नहीं हो जाता है । इस उपचार से यदि मरीज ठीक नहीं होता है तो उसे तत्काल पास के अस्पताल में भेजा जाये।

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