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Tuesday 17 April 2018

अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए निर्देश जारी

अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए निर्देश जारी 

खण्डवा 17 अप्रैल, 2018 - बुधवार 18 अप्रैल को अक्षय तृतीय पर सम्पन्न होने वाले सामूहिक विवाह समारोह में बाल विवाह रोकने के लिए महिला बाल विकास विभाग ने जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किये हैं। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि गांवों में लोगों को बाल विवाह नहीं कराने का परामर्श देने के साथ-साथ बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही करने पुलिस, प्रशासन तथा स्वयं सेवी संस्थाओं को सक्रिय रहने के लिये कहें। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बाल विवाह की कुरीति को समाप्त करने के लिए वर्ष 2013 से लाड़ो अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के परिणामस्वरूप अब तक परामर्श से ही 83 हजार से अधिक बाल विवाह रोकने में सफलता मिली है।
लाड़ो अभियान के तहत लोगों को व्यापक स्तर पर बताया जा रहा है कि बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2006  की धारा-9, 10,11 और 13 के अन्तर्गत बाल विवाह कराने अथवा उसमें सहयोग देने वालों के लिए दो वर्ष का कारावास अथवा एक लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। विवाह प्रक्रिया से जुड़े सभी सेवा प्रदाताओं जैसे हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, बेंड वाले, घोड़ी वाले, ट्रॉंसपोर्टर तथा प्रिंटिग प्रेस वालों से भी अनुरोध किया गया है कि लड़का/लड़की की आयु संबंधी प्रमाण-पत्र का परीक्षण करने के बाद ही अपनी सेवायें प्रदान करें अन्यथा वे भी बाल विवाह में सहयोगी माने जायेंगे। विवाह पत्रिका मुद्रित करने वालों को भी वर-वधु के आयु संबंधी प्रमाण का परीक्षण करने के लिये विशेष रूप से निर्देश दिये गये हैं। 
लाड़ो अभियान के लिये इस वर्ष की थीम ष्बाल विवाह की रोकथाम एवं बच्चों का कौशल विकासष् होगी। बाल विवाह की रोकथाम के लिए वातावरण निर्मित करने में जन-प्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों और ग्राम स्तर तक कार्यरत शासकीय सेवकों का भी सहयोग लिया जा रहा है। बाल विवाह रोकने के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। 

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