सफलता की कहानी
कन्या विवाह योजना में अपनी बेटी संतोष के हाथ पीले कर बाबूसिंह हुआ निष्चिंत
कन्या विवाह योजना में अपनी बेटी संतोष के हाथ पीले कर बाबूसिंह हुआ निष्चिंत
खण्डवा 18 अप्रैल, 2018 - भीकनगांव विकासखण्ड के ग्राम भोमवाड़ा निवासी बाबूसिंह पंवार और उसकी पत्नि पिछले कई वर्षो से दिनरात इस चिंता में डूबा हुआ था कि गरीबी के कारण कैसे वह अपनी लाड़ली बेटी संतोष के हाथ पीले कर सकेगा। बाबूसिंह ने अपनी बेटी संतोष के लिए छैगांवमाखन विकासखण्ड के ग्राम अमोदा में लड़का तो पसंद कर रखा था जो कि वहां के लोकसेवा केन्द्र में कम्प्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत् था। लेकिन आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं होने के से अपनी बिटिया की शादी करना उसे कठिन लग रहा था। एक दिन किसी ने उसे बताया कि मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान ने गरीबों की बेटियों के हाथ पीले करने के लिए सरकारी खर्चे से सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किए जाते है साथ ही इन सम्मेलनों में सरकारी खर्चे पर ही कन्या को उपहार सामग्री भी दी जाती है।
बाबूसिंह कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की जानकारी लेने के लिए अपने जनपद कार्यालय गया तो उसे मालूम हुआ कि अक्षय तृतीया के अवसर पर छैगांवमाखन में सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित हो रहा है, जिसमें सैकड़ों कन्याओं के विवाह होने जा रहे है। उसने अपने होने वाले समधी जतन सिंह सोलंकी निवासी अमोदा से इस विवाह सम्मेलन में अपने बच्चों की शादी करने के बारे में चर्चा की तो वो भी तैयार हो गया। दोनों पक्ष खुषी खुषी सामूहिक विवाह सम्मेलन में अपने रिष्तेदारों सहित पहुंच गए जहां संतोष व रामकृष्ण का विवाह बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हुआ। बाबूसिंह की खुषी का तब ठिकाना न रहा जब कलेक्टर श्री अभिषेक सिंह व विधायक श्रीमती योगिता बोरकर ने दुल्हन बनी उसकी बेटी संतोष को आर्षीवाद दिया। बाबूसिंह बताता है कि अगर वो अपने घर से बेटी की शादी करता तो शायद विधायक और कलेक्टर उसकी बेटी की शादी में नहीं आते। शासन के खर्चे पर मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में अपनी बेटी संतोष की धूमधाम से शादी करके बाबूसिंह अब बहुत खुष है, क्योंकि बेटी की शादी करने की उसकी बरसो पुरानी चिंता जो अब दूर हो गई है।
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