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Tuesday 20 March 2018

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से लीलाबाई का सपना हुआ साकार

सफलता की कहानी

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से लीलाबाई का सपना हुआ साकार

खण्डवा 20 मार्च, 2018 - प्रदेष सरकार द्वारा प्रारंभ मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना गरीब परिवारों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। इस योजना के माध्यम से गरीब माता पिता भी अपनी बेटियों का विवाह धूमधाम से कर पा रहे है। खण्डवा जिले के हरसूद विकासखण्ड मुख्यालय पर गत दिनों आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में ग्राम पिपलानी निवासी कन्हैयालाल व लीलाबाई ने लाड़ली बिटिया राधिका के हाथ पीले करने के बाद अपनी भावना व्यक्त करते हुए बताया कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि गरीबी के बावजूद उनकी बेटी का विवाह इतनी धूमधाम से होगा और कन्यादान के अवसर पर प्रदेष सरकार के केबिनेट मंत्री उनकी बेटी के विवाह में आषीर्वाद देने आयेंगे। प्रदेष के स्कूल षिक्षा मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में शामिल सभी 29 जोड़ो को अपनी और से तो उपहार दिए ही। साथ ही मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सभी कन्याओं को ढेरों उपहार सामग्री भी जनपद पंचायत की और से विवाह प्रमाण पत्र के साथ दी गई। 
    पिपलानी निवासी कन्हैयालाल ने बताया कि जब से राधिका ने घर मंे जन्म लिया था तभी से गरीबी की चिंता के साथ साथ एक सपना भी देखा था कि अपनी बिटियां के हाथ पीले करते समय उसे ढेरों उपहार दे सकूं, लेकिन गरीबी के कारण ऐसा संभव नहीं लग रहा था। कन्हैया जब भी अपनी पत्नि लीलाबाई के साथ अकेला बैठता तो लीलाबाई की एक ही चिंता रहती थी कि गरीबी के कारण बेटी की शादी कैसे कर पायेंगे। धीरे-धीरे लीलाबाई बड़ी होने लगी तो लीलाबाई और कन्हैयालाल की चिंता भी बढ़ने लगी। कन्हैयालाल ने सोच रखा था कि चाहे उधार लेकर ही बिटियां के हाथ पीला करना पड़े पर शादी धूमधाम से ही करूंगा। पिछले दिनांे गांव की पंचायत भवन में लगी सूचना से उसे मालूम पड़ा कि हरसूद में सामूहिक विवाह सम्मेलन मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत आयोजित होने वाला है, जिसमें सरकारी खर्चे पर ही गरीबों की बेटियों के विवाह धूमधाम से होंगे। कन्हैयालाल ने अपनी बिटियां राधिका के लिए पहले से ही ग्राम रोहणी निवासी पूनाजी व सूरज बाई का बेटा राहुल पसंद कर रखा था, सो उनसे बातचीत कर हरसूद के सामूहिक विवाह सम्मेलन में अपने बेटा-बेटी की शादी करने की सहमति बना ली। आखिर वो घड़ी आ ही गई जिसका पिछले 20 सालों से कन्हैया व लीलाबाई को इंतजार था। दोनों पक्षों के रिष्तेदार भी खुषी-खुषी शादी के दिन हरसूद आ गए और धूमधाम से राधिका का विवाह सम्पन्न हुआ। 

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