सफलता की कहानी
खण्डवा के कुमठी गांव की ककड़ी अहमदाबाद में मचा रही है धूम
खण्डवा 12 जनवरी, 2018 - खण्डवा जिले के पंधाना विकासखण्ड के ग्राम कुमठी के किसान सुभाष गुर्जर ने उद्यानिकी विभाग की मदद से स्थापित नेट हाउस में उत्पादित ककड़ी उत्पादन शुरू किया है। पिछले 2-3 माह में सुभाष 77 क्विंटल ककड़ी अहमदाबाद के शॉपिंग माँल में बेच चुके है। उनकी ककड़ी की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि अहमदाबाद के व्यापारी कुमठी स्थित उनके खेत में आकर सौंदा करते है तथा एडवांस देकर ककड़ी ले जाते है। सुभाष बताता है कि उसने उद्यानिकी विभाग ने कुल 34 लाख रूपये का नेट हाउस का उसका प्रोजेक्ट स्वीकृत किया है, जिसमें 17 लाख रूपये का अनुदान उसे मिला है। कुल 1 एकड़ क्षेत्र में स्थापित नेट हाउस में मल्चिंग एवं ड्रिप सिंचाई पद्धति की सुविधा भी इस प्रोजेक्ट मंे शामिल है। सुभाष बताता है कि वह गत एक माह में लगभग 1 लाख रूपये की ककड़ी बेच चुका है।
सुभाष ने बताया कि पहले वह देषी पद्धति से ककड़ी उत्पादन करता था, जिसमें नाम मात्र का लाभ उसे होता था। उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्षन में जब से उसने संरक्षित खेती प्रारंभ की है तब से न उसे फसल कीट का डर है न ओले पाले का। नेट हाउस व ड्रिप सिंचाई पद्धति से खेती करने के कारण प्रकृति की मार से सुभाष की फसल बची हुई है। इसी लिए उत्पादन भी बढ़ा है और फसल में गुणवत्ता होने के कारण दाम भी अच्छे मिल रहे है। सुभाष बताता है कि वह रासायनिक खाद के स्थान पर जैविक खाद खुद ही अपने खेत में तैयार कर उपयोग में ला रहा है, जिससे उसकी ककड़ी रासायन मुक्त होने के कारण हाथो हाथ बिक रही है। उसने बताया कि मल्चिंग होने के कारण भी फसल पूर्णतः सुरक्षित है। सुभाष के नेट हाउस में मल्चिंग व टपक सिंचाई पद्धति के साथ साथ ऊपरी हिस्से में फोगर भी लगे हुए है, जिससे पानी की काफी बचत होती है, फिर भी फसल बहुत अच्छी होती है।
उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक श्री एस.एम. पटेल ने बताया कि एक एकड़ क्षेत्र में नेट हाउस, मल्चिंग , फोगर एवं ड्रिप सिंचाई की सुविधा स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत सुभाष गुर्जर का कुल 34 लाख रूपये का प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है, जिसमें से 22.50 लाख रूपये बैंक से ऋण मिला है तथा इस प्रोजेक्ट में कुल 17 लाख रूपये उसे अनुदान स्वरूप मिले है। उन्होंने बताया कि सरकार संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए तथा किसानों को प्राकृतिक प्रकोपो से बचाने के उद्देष्य से उन्हें इस तरह की मदद दे रही है। उन्होंने बताया कि किसान जो नेट हाउस स्थापित करता है वो लगभग 5 वर्ष अच्छी तरह से चल जाता है। इन पांच वर्षो मंे किसान अपनी लागत निकालकर लाखों रूपये की आय आसानी से प्राप्त कर लेते है। श्री पटेल ने बताया कि पंधाना विकासखण्ड में इस तरह के कुल 7 किसानों के नेट हाउस के प्रकरण स्वीकृत किए गए है। सभी किसान नेट हाउस की मदद से संरक्षित खेती कर अपनी आय बढ़ा रहे है।
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