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Wednesday 31 January 2018

कुपोषण दूर करने हेतु आंगनवाड़ी व स्वास्थ्य कार्यकर्ता करें अधिकतम प्रयास - कलेक्टर श्री सिंह

कुपोषण दूर करने हेतु आंगनवाड़ी व स्वास्थ्य कार्यकर्ता करें अधिकतम प्रयास - कलेक्टर श्री सिंह 

खण्डवा 31 जनवरी, 2018 - खण्डवा जिले के कुछ क्षेत्रों मंे बच्चों में कुपोषण का स्तर सुधारे जाने की आवष्यकता है। इस कार्य के लिए महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कार्यकर्ता अपना अधिकतम प्रयास करें, उन्हें इस कार्य के लिए हर संभव मदद दिलाई जायेगी। यह बात कलेक्टर श्री अभिषेक सिंह ने बुधवार को गौरीकुंज सभागृह में आयोजित समीक्षा बैठक में कही। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. वरदमूर्ति मिश्र, सहायक कलेक्टर श्री दिलीप यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय भारद्वाज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रतन खण्डेलवाल व एसडीएम श्री शाष्वत शर्मा सहित खण्डवा विकासखण्ड की आषा कार्यकर्ता , स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता , पंचायत सचिव व पटवारी मौजूद थे। इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने आंगनवाड़ी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मंच पर बुलाकर उनके अनुभव सुने और कुपोषण का स्तर सुधारने के लिए उनसे जरूरी सुझाव मांगे। 
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि आषा कार्यकर्ता , स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ठान ले तो जिले से कुपोषण की समस्या खत्म हो सकती है। उन्होंने कहा कि कुपोषण से जंग में सभी के मिलेजुले प्रयासों की आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए पोषण आहार के साथ साथ शुद्ध पेयजल व भोजन में स्वच्छता जरूरी है, क्योंकि दूषित पानी व भोजन से बच्चे को दस्त व डायरिया की समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में आंगनवाड़ी केन्द्रों के नियमित निरीक्षण किए जायेंगे। कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में कहा कि गर्भवती महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण के लिए ऑनलाइन ट्रेकिंग सिस्टम विकसित किया जा रहा है, सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर माह की 3 तारीख तक बच्चों के वजन व टीकाकरण की जानकारी जमा करायें। उन्होंने सभी एएनएम को इस तरह की जानकारी आरसीएच के पोर्टल पर दर्ज कराने के निर्देष दिए। 
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि महिलाओं को प्रसव के बाद अस्पताल से छुट्टी होने से पूर्व प्रसुति सहायता योजना की राषि वितरित की जाये। उन्होंने कहा कि प्रसूता महिलाआंे को यह समझाइष दी जाये कि बच्चे को जन्म के तत्काल बाद माँ का गाढ़ा पीला दूध अवष्य पिलाया जाये तथा माताओं को यह समझाया जाये कि बच्चों को 6 माह की आयु तक मॉं के दूध के अलावा कोई आहार या पानी न दिया जाये। 
मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि सभी पंचायत सचिवों व पटवारियों को भी कुपोषण से जंग में बराबरी से साथ देना है। उन्होंने समझाइष दी कि पंचायत सचिव व पटवारी भी गांव में आंगनवाड़ी केन्द्रों में जाकर बच्चों के पोषण स्तर पर नजर रखे, कुपोषित बच्चों के माता पिता को आवष्यकता अनुसार मदद उपलब्ध कराये। उन्होंने पंचायत सचिवों से कहा कि कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर सुधारने में योगदान करना एक पुण्य कार्य है, इस कार्य में तन-मन-धन से हरसंभव योगदान दें। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री भारद्वाज ने बताया कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को पोषण आहार समय पर दिया जा रहा है, इसके अलावा पैकेट बंद टेक होम राषन भी दिया जा रहा है। अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया जाता है। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अपने क्षेत्र की महिलाओं के विवाह पंजीयन, गर्भवती महिलाओं के पंजीयन तथा नवजात षिषुओं के पंजीयन समय पर करें तथा उन्हें आवष्यकता अनुसार टीकाकरण व पोषण आहार उपलब्ध कराने में मदद करें।

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