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Thursday 16 November 2017

नये पंजीकृत किसानों के लिये मण्डी में क्रय विक्रय की प्रक्रिया तय

भावान्तर भुगतान योजना में

नये पंजीकृत किसानों के लिये मण्डी में क्रय विक्रय की प्रक्रिया तय

खण्डवा 16 नवम्बर, 2017 - भावान्तर भुगतान योजना में 15 से 25 नवम्बर के मध्य पंजीयन करवाने वाले किसानों के लिये मण्डी में क्रय-विक्रय और भावान्तर राशि के भुगतान की प्रक्रिया तय कर दी गई है। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार योजना के पोर्टल पर इस अवधि में पंजीयन कराने वाले कृषकों को पृथक पंजीयन सीरीज दी गई है, यह सीरीज 7 नम्बर से चालू होगी। इस सीरीज के सभी पंजीकृत किसानों के लिये योजना की अधिसूचित विक्रय अवधि में अधिसूचित मण्डियों में कृषि उपज मण्डी अधिनियम तथा नियमों एवं योजना के लागू होने के पूर्व जारी परिपत्रों के परिपालन के साथ योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये निम्नानुसार प्रक्रियाओं का आवश्यक रूप से पालन किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
ऐसे पंजीकृत कृषक को मण्डी प्रांगण में अपनी पंजीकरण पर्ची के साथ आधार कार्ड की छायाप्रति लाना जरूरी होगा। मण्डी प्रशासन यह सत्यापित करेगा कि जिस किसान के नाम पर पंजीकरण पर्ची है उसी के द्वारा आधार कार्ड पर लगे फोटोग्राफ अनुसार ही फसल की मण्डी प्रांगण में बिक्री की गई है। इस नई सीरीज के पंजीकृत कृषक के स्थान पर अन्य व्यक्ति द्वारा मण्डी प्रांगण में कृषि उपज की नीलामी कराए जाने की स्थिति में योजना का लाभ प्राप्त नहीं होगा। योजना का लाभ उसी पंजीकृत किसान को मिलेगा जो अपने कृषि उत्पाद का मण्डी प्रांगण में विक्रय के लिये स्वयं उपस्थित होगा। मण्डी प्रशासन अन्य अभिलेखों के साथ-साथ आधार कार्ड की सत्यापित छायाप्रति संधारित एवं सुरक्षित रखेगा। 
ऐसे पंजीकृत किसानों को लायसेंसी क्रेता व्यापारी द्वारा आरटीजीएस या एनईएफटी से पूरा भुगतान किया जाना जरूरी होगा। नगद अथवा चैक से किया गया भुगतान मान्य नहीं होगा। योजना के पोर्टल पर मण्डी प्रशासन पंजीकृत किसान की विक्रय संबंधी जानकारी को तभी अपलोड करेगा जब आरटीजीएस या एनईएफटी से भुगतान के प्रमाण प्राप्त कर लिये गये हों। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित भुगतान समिति ऐसे प्रकरणों के सूक्ष्म परीक्षण के बाद योजना की विक्रय अवधि की समाप्ति पर योजना की देय राशि किसानों के पंजीकृत खातों में जारी करने का निर्णय करेगी। 
ऐसे पंजीकृत किसानों को मण्डी प्रांगण में अनुबंध पत्र, तौल पर्ची एवं भुगतान पत्रक की प्रति, स्वयं के आधार कार्ड की प्रति एवं पंजीकरण क्रमांक की पर्ची की मूल प्रति के साथ जिस मण्डी में क्रय-विक्रय किया गया था वहाँ एक से 15 दिसम्बर के मध्य उपस्थित होना होगा। अन्य व्यक्ति के साथ भेजे गये अभिलेख मान्य नहीं किये जायेंगे। जिला कलेक्टर द्वारा एक से 15 दिसम्बर के मध्य प्रत्येक मण्डी प्रांगण में ऐसे कृषकों के लिये अलग से अधिकृत कर्मचारी के निर्देशन में आवश्यक व्यवस्था की जायेगी। ऐसे कृषकों के सभी अभिलेखों की छायाप्रति रखी जायेगी। आधार कार्ड की छायाप्रति पर प्रमाणित किया जायेगा कि जिस नाम से पंजीकरण हुआ है उसी व्यक्ति के आधार कार्ड की प्रति है तथा आधार कार्ड पर फोटो समक्ष में उपस्थित पंजीकृत किसान का ही है।
भावांतर भुगतान योजना के लिये 16 अक्टूबर, 2017 से पूर्व की अवधि के अनुबंध पत्र, तौल पर्ची एवं भुगतान पत्रक मान्य नहीं होंगे।  
ऐसे प्राप्त सभी आवेदनों के परीक्षण के लिये मण्डी सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति, जिसमें कृषि, राजस्व एवं अन्य विभाग के अधिकारी होंगे, जिला कलेक्टर द्वारा गठित की जायेगी। इस समिति द्वारा मण्डी में उक्त किसान के मूल अभिलेखों से मिलान किया जायेगा। समिति द्वारा पात्र पाए जाने पर मण्डी के मूल अभिलेखों में पंजीयन क्रमांक दर्ज कर भावांतर भुगतान योजना पोर्टल पर इन्द्राज करने के लिये अनुशंसा की जायेगी। किसान को उक्त समस्त लेन-देन का भुगतान नगद में होने पर विशेष परीक्षण किया जायेगा तथा ऐसी सम्पूर्ण नगद राशि प्राप्त करने वाले किसान से भुगतान प्राप्ति का प्रमाण लिया जायेगा। पूरा या पार्ट भुगतान आरटीजीएस या एनईएफटी से होने पर उसके विवरण भी मण्डी रिकार्ड के मूल भुगतान पत्रक में रखे जायेंगे।
जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित भुगतान समिति ऐसे प्रकरणों का सूक्ष्म परीक्षण कर ही योजना की विक्रय अवधि समाप्ति के बाद भावांतर भुगतान योजना की देय राशि उनके पंजीकृत खातों में जारी करने का निर्णय करेगी।

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