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Thursday 24 August 2017

स्वाईन फ्लू , मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया व मौसमी बीमारियों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

स्वाईन फ्लू , मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया व मौसमी बीमारियों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

खण्डवा 24 अगस्त, 2017 -  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रतन खण्डेलवाल ने सभी बी.एम.ओ. और राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के आयुष चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि जिले के प्रत्येक ग्राम में लार्वा सर्वे करें, ग्रामीणजनों को जागरूक करंे, इसके लिए सभी सुपरवाईजर, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा सहयोगी गांवों में बैठक लेकर जानकारी देवें। जिले की सभी शालाओं में उपस्थित होकर स्वाईन फ्लू , मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया व मौसमी बीमारियों की छात्र-छात्राओं को और शिक्षकगणों को जानकारी देवें, जिसमें स्वाईन फ्लू बीमारी वायरस संक्रमणकारी है। सामान्यः इसका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति की छीक या खांसी के सम्पर्क में आने के कारण होता है तथा स्वाईन फ्लू का संक्रमण जुलाई से फरवरी माह में ज्यादा सक्रिय होता है स्वाईन फ्लू से बचने का बचाव ही उपचार है इसलिए एहतियात बतरने की आवश्यकता है । 
कुछ राज्यों में विगत एक माह में स्वाईन फ्लू के प्रकरण प्रकाश में आये थे।  स्वाईन फ्लू के लक्षण जैसे- सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, बुखार के साथ यदि सांस लेने में तकलीफ हो तो तत्काल शासकीय अस्पताल में जाकर पल्स ऑक्सीमीटर से तुरन्त जांच कराये । स्वाईन फ्लू बीमारी होने पर पूर्ण उपचार लें।  ठंड देकर बुखार आना, पसीना देकर बुखार उतरना, कपकपी आना, जी मिचलाना, सरदर्द, उल्टी, इत्यादि मलेरिया के लक्षण है बुखार आने की स्थिति में जाच एवं उपचार जरूरी है। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, घर के आस-पास पानी जमा न होने दे, एकत्र पानी की निकासी करें, जहां पानी की निकासी संभव न हो ऐसे गढ्ढों में जला हुआ ऑईल मिट्टी का तेल डाले इससे मच्छरों के लार्वा नष्ट हो जाते है । ग्राम में सरपंच, सचिव के सहयोग से मैदानी करवाई की जाये और आशा के पास उपलब्ध मेगा माईक से भी प्रचार-प्रसार करें । बैठक में जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. एन.के. सेठिया, डीपीएम डॉ. शिवराजसिंह चौहान, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मनीषा जुनेजा, योगेश शर्मा, जिले के कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित थे। 

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