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Thursday 31 August 2017

सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह

सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह

खण्डवा 31 अगस्त, 2017 - उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री हीरेन्द्र ओंकार ने बताया कि कहीं-कहीं सोयाबीन फसल में सफेद सुण्डी का प्रकोप देखा गया है जिसके कारण फसल सूख रही है। इसके नियंत्रण हेतु प्रभावित स्थानांे पर (जड़ों के पास) क्लोरापायरीफॉस 20 ईसी. 1500 मिली./हे. का पर्याप्त पानी का छिड़काव करें जिससे कीटनाषक का घोल जमीन में 2-3 इंच पहुंच सकें। क्लोरपायरीफॉस के छिड़काव के स्थान पर इस दवाई का दानेदार 10 जी की 20 कि.ग्रा. मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से डाले एवं सिंचाई कर दें। 
उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में पत्ती खाने वाली इल्लियों का प्रकोप देखा गया है। ऐसे स्थानांे पर तुरंत क्विनलाफॉस 1500 मिली./हे. या इन्डाक्साकार्ब 333 मिली./हे. का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें और जिन स्थानों पर पत्ती खाने वाली इल्लियों के साथ साथ रस चूसने वाले कीट जैसे सफेद मक्खी हरा जैसिड आदि का प्रकोप है वहा फसल पर थायोमिथोक्सम $ लेम्डा सायहेलोथ्रिन 125 मिली./हे. का छिड़काव करें। साथ ही जिन स्थानांे पर फसल में गर्डल बीटल का प्रकोप प्रारंभ हो चुका है वहां थायक्लोप्रीड 21.7 एसी.सी. (650 मिमी./हे.) या प्रोफेनाफॉस 50 ई.सी. (1250 मिली/हे.) या ट्रायझोफॉस (800 मिली/हे.) सर बीटासायफ्लूथीन $ इमिडाक्लोप्रीड 350 मिली/हे. कर 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। 
 उन्होंने कहा कि जहॉं पर सोयाबीन में मोजाइक/पीली मोजाइक बीमारी का प्रकोप प्रारंभ हो, सलाह है कि इससे ग्रसित पौधों को अपने खेत से उखाड़कर गढ्ढ़े में गाढ़ दें तथा इसको अन्य पौधो पर फैलाने वाले रोग वाहक कीटों के नियंत्रण हेतु बीटासायफ्लूथ्रीन $ इमिडाक्लोरीप्रीड 350 मिली/हे. का 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें। कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन फसल पर पत्ती धब्बा तथा एन्थ्रकनोज नामक बीमारियों के प्रकोप की संभावना है। इनके नियंत्रण हेतु टेबूकोनाझोल या टेबूकोनाझोल सल्फर ( पूर्व मिश्रित फफूंदनाषक) (2ग्राम/लीटर पानी) या थायोफिनेट मिथाइल या कार्बेन्डाडिझम (1ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करें। 

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