AAPKI JIMMEDARI

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Thursday 30 April 2015

जलाशय आन्दोलनकारियों के समक्ष कई विकल्प मनपसंद विकल्प चुनकर आन्दोलन करें समाप्त

जलाशय आन्दोलनकारियों के समक्ष कई विकल्प
मनपसंद विकल्प चुनकर आन्दोलन करें समाप्त
नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री आर्य ने की अपील

खण्डवा (30अप्रैल,2015) - भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार ओंकारेश्वर जलाशय का जल-स्तर घटाने की माँग कर रहे लोगों से नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य ने पुनः आग्रह किया है कि वे राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत विकल्पों पर विचार कर पानी से बाहर आ जायें। श्री आर्य ने विगत 23 अप्रैल को जल भराव विरोधियों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर उन्हें आश्वस्त किया था कि सरकार डूब प्रभावित परिवारों के हित संरक्षण के लिये पूरी तरह वचनबद्ध है।
  श्री आर्य ने चर्चा के बिन्दुओं पर उच्च-स्तरीय विचार-विमर्श के बाद आज कहा कि डूब प्रभावित अधिकांश परिवार पुनर्वास नीति के प्रावधानों तथा मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 225 करोड़ के विशेष पेकेज का लाभ लेकर विस्थापित हो चुके हैं। भूमि के बदले भूमि की माँग करते हुए केवल 213 परिवार ऐसे हैं जो न तो शासन द्वारा आवंटित भूमि लेने को तैयार हैं और न ही विशेष पेकेज लेना स्वीकार कर रहे हैं। जल भराव का विरोध करने वाले इन परिवारों के लिये विभिन्न विकल्प सुझाये गये हैं। पहले विकल्प के रूप में वे मुख्यमंत्री द्वारा घोषित विशेष पेकेज के अन्तर्गत धनराशि लेकर अपनी पसंद की भूमि क्रय कर सकते हैं। ऐसी भूमि क्रय करने पर पंजीयन और स्टाम्प शुल्क की राशि भी शासन वहन करेगा। दूसरे विकल्प के रूप में वे सरकार द्वारा दी जा रही कृषि भूमि ले सकते हैं।
  राज्य मंत्री ने कहा कि नर्मदा घाटी सिंचाई परियोजना में डूब से प्रभावितों को डूब भूमि के बदले भूमि देने के लिये सरकार ने एक लेण्ड बेंक बनाया हुआ है। इस लेण्ड बेंक में लगभग 5000 हेक्टेयर कृषि भूमि चिन्हित की गई है। भूमि के बदले भूमि की माँग करने वाले इस लेण्ड बेंक में से जो भूमि पसंद करेंगे सरकार उन्हें देने तैयार है। दी जा रही भूमि पसंद नहीं आने पर उच्चतम न्यायालय के आदेश में दी गई व्यवस्थानुसार वे शिकायत निवारण प्राधिकरण में अपना पक्ष / शिकायत प्रस्तुत कर सकते हैं। शिकायत निवारण प्राधिकरण के निर्णय अनुसार राज्य सरकार कार्रवाई करेगी।
  श्री आर्य ने 23 अप्रैल की चर्चा के प्रकाश में यह भी स्पष्ट किया है कि भूमि के बदले भूमि चाहने वाले अधिसंख्य डूब प्रभावितों ने मुख्यमंत्री द्वारा घोषित विशेष पेकेज सहर्ष स्वीकार किया। शेष परिवार भी सुझाये गये विकल्पों पर व्यावहारिक दृष्टिकोण से विचार कर आंदोलन समाप्त करें।
क्रमांक/43/2015/461/काषिव

मनरेगा की रेशम उपयोजना से बदला खेती के प्रति किसानों का नजरिया

मनरेगा की रेशम उपयोजना से बदला खेती के प्रति किसानों का नजरिया
सामान्य खेती से दोगुना लाभ कमा रहे है रेशम का उत्पादन
करने वाले कृषक



खण्डवा (30अप्रैल,2015) - ग्रामीण क्षेत्रो में रोजगार का सृजन करना एक महत्वपूर्ण कार्य है और यदि यह रोजगार कृषि आधारित हो तो यह ग्रामीणो के जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन ला सकता है। खेती को लाभ का धंधा बनाने के स्वप्न में महात्मा गांधी नरेगा की रेशम उपयोजना खण्डवा जिले में कारगर साबित हो रही है। इस उपयोजना के माध्यम से कृषि को उद्योग के रूप में परिवर्तित कर कृषको के जीवन में सुखद परिवर्तन लाने की पहल की गई है। 
जिले में वर्ष 2012-13 के पूर्व रेशम के ककून का उत्पादन न के बराबर होता था। जो वर्ष 2014-15 में 133800 कि.ग्रा. तक पहुॅंच गया है। जिले में वर्ष 2013-14 में प्रायोगिक रूप से रेशम उत्पादन की प्रक्रिया का प्रारम्भ किया गया। जिसमें मनरेगा अंतर्गत जिले की पंधाना जनपद पंचायत के 37 कृषको व पुनासा जनपद पंचायत के 14 कृषको को रेशम उपयोजना का लाभ दिया गया। इस तरह वर्ष 2013-14 में 51 कृषको द्वारा 40,000 अण्डो का क्रमी पालन किया जाकर 60 लाख रू. की राशि का  24000 कि.गा्र. रेशम के ककून का उत्पादन किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2014-15 में पंधाना जनपद के 83, पुनासा जनपद के 39, खालवा जनपद के 23 व बलडी जनपद के 18 कृषको को रेशम उपयोजना का लाभ दिया गया है। इस प्रकार वर्ष 2014-15 में कुल 163 हितग्राहियो को रेशम उपयोजना का लाभ दिया गया है। इन हितग्राहियो द्वारा 1,63,000 रेशम के अण्डो का क्रमी पालन करके 2 करोड़ 44 लाख रू की राशि के लागत के 97800 कि.ग्रा. रेशम के ककून का उत्पादन किया जावेगा। कृषको से यह रेशम मध्य प्रदेश सिल्क फेडरेशन द्वारा स्थल पर ही क्रय किया जावेगा। 
मनरेगा योजना एवं रेशम के केन्द्र के मध्य अभिशरण के माध्यम से रेशम उपयोजना का लाभ लेने वाले हितग्राही की 1 एकड़ भुमी पर रेशम विकास केन्द्र द्वारा 128500 रू की लागत से रेशम उत्पादन गृह, सिचाई सुविधा, रेशम उत्पादन हेतु स्टेण्ड प्रदाय किये गये है एवं मनरेगा योजना अंतर्गत 187155 रू की लागत से सहतुत के पौधो के रोपण का लाभ दिया गया है। 
वर्ष 2015-16 में जिले के 214 कृषको द्वारा कुल 1,33,800 कि.ग्रा. ककून का उत्पादन किया जावेगा जिसकी बिक्री से उन्हे 335 लाख रू का लाभ होगा इस प्रकार प्रत्येक कृषक 157000 रू के ककून का विक्रय करेगा ककून के रखरखाव क्रमी पालन व मजदूरी पर कृषक को लगभग 50 हजार रू का व्यय होगा एवं उसको 1 लाख रू. की बचत ककून के विक्रय से होगी जो कि कृषक द्वारा उसकी 1 एकड़ भूमी से अर्जित की जावेगी। यदि इसी 1 एकड़ भूमी पर कृषक सिचांई सुविधा होने पर सभी मौसमो की फसल लेता तब भी उसे मात्र 40 से 50 हजार रू. का ही लाभ अर्जित होता। 
क्रमांक/42/2015/460/काषिव

80 हजार रूपये की आर्थिक सहायता राषि का चैक प्रदान किया

80 हजार रूपये की आर्थिक सहायता राषि का चैक प्रदान किया  

खण्डवा (30अप्रैल,2015) - सामाजिक न्याय एवं निःषक्तजन कल्याण अधिकारी ने बताया कि दृष्टिहीन क्रिकेट बोर्ड (सी.ए.बी.आई) में आगामी 21 मई 2015 से दिनांक 1 जून 2015 तक के लिये इग्लैंड दौरे के चयन अनुसार भारत वर्ष का प्रतिनिधित्व करने हेतु दौरे के लिये आने - जाने एवं विजा के आवष्यक खर्च हेतु रू. 80 हजार की आर्थिक सहायता की मांग की गई है। भारत से इण्लैण्ड दौरे के लिये आवष्यक व्यवस्था हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र मान्य करते हुए राषि 80 हजार सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया शाखा खण्डवा के चैक क्रमांक 015998 दिनांक 29 अप्रैल 2015 निम्न शर्तो के अधीन आर्थिक सहायता के रूप में प्रदाय किया गया है। जिसमें -
आर्थिक सहायता राषि 80 हजार का चैक दृष्टिहीन क्रिकेट बोर्ड के नाम जारी किया गया है।
आर्थिक सहायता राषि का उपयोगिता प्रमाण पत्र क्रिकेट बोर्ड के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा। 
उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ इग्लैण्ड दौरे संबंधित मूल बोर्डिंग पास , आवष्यक दस्तावेजो की छाया प्रतियां प्रस्तुत करना होगी। 
क्रमांक/41/2015/459/काषिव

दिनांक 30 अप्रैल 2015 को समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार पत्र करतनें















































Wednesday 29 April 2015

मुख्यमंत्री महिला सषक्तिकरण योजना के तहत प्रषिक्षण हेतु आवेदन आमंत्रित

मुख्यमंत्री महिला सषक्तिकरण योजना के तहत प्रषिक्षण हेतु आवेदन आमंत्रित

खण्डवा (29अप्रैल,2015) - मुख्यमंत्री महिला सषक्तिकरण योजना अंतर्गत विपत्तिग्रस्त, पीडि़त, कठिन परिस्थितियों में निवास कर रही महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक उन्नयन हेतु स्थाई प्रषिक्षण प्रदान करने हेतु आवेदन आमंत्रित किये जा रहे है। प्रषिक्षण हेतु ऐसी विपत्तिग्रस्त महिलाए जिनके परिवार में कोई नही है। बलात्कार से पीडि़त महिला, बालिका, एसिड विक्टिम, जेल से रिहा महिलाए, शासकीय एवं अषासकीय आश्रय ग्रह, बालिका ग्रह, अंगरक्षण ग्रह आदि ग्रहो में निवासरत विपित्तिग्रस्त महिलाए, बालिकाए, दहेज प्रताडि़त, अग्नि पीडि़त महिलाएं, दुर्व्यवहार से बचाई गई महिला, परित्यक्ता एवं तलाकषुदा महिलाऐ जो गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करती हो ऐसी महिलाए आवेदन पत्र जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी के कार्यालय में डाक द्वारा अथवा स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत कर सकती है। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 मई 2015 तक है। सामान्य वर्ग की महिला की उम्र 45 तथा विधवा, परित्यक्ता, तलाकषुदा एससी, एसटी, एवं पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए 50 वर्ष तक की पात्रता होगी। प्रषिक्षण पाठ्यक्रम के अनुसार शैक्षणिक योग्यता होना अनिवार्य होगा। 
योग्यता के आधार पर टेªनिंग:- कम पढ़ी लिखी साक्षर एवं अनपढ़ महिलाओं के लिए उनकी योग्यता अनुसार प्रषिक्षण दिया जावेगा। प्रषिक्षण हेतु पात्र पाये जाने पर प्रषिक्षणार्थियों की फार्मेसी, नर्सिग, फिजियोथेरेपी, आया, दाई, वार्ड बाय ब्यूटिषियन शार्ट टर्म मेनेजमेंट कोर्स, बैकिंग, कुकिंग, आईटीआई, पॉलाटेक्निक पाठ्यक्रम, हॉस्पिटलिटी होटल, इवेंट मैनेजमेंट, प्रयोगषाला सहायक, डी.एड., बी.एड., सिर्फ (षासकीय संस्थानों से) अन्य प्रषिक्षण जो कि शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित किये जाते है। विषय का प्रषिक्षण शासन से मान्यता प्राप्त संस्थाओं के माध्यम से दिया जाएगा। संस्थाओं द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र शासकीय, अषासकीय सेवाओं के लिए मान्य होगा। इसकी अधिक जानकारी के लिए जिला महिला सषक्तिकरण कार्यालय गौरीकुंज के पीछे पुलिस लाईन के सामने कार्यालयीन समय पर सम्पर्क कर सकते है। 
क्रमांक/40/2015/458/काषिव

गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालो के लिए स्वास्थ्य सुविधाएॅं उपलब्ध

गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालो के लिए स्वास्थ्य सुविधाएॅं उपलब्ध

खण्डवा (29अप्रैल,2015) - मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्य को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित जिला राज्य बीमारी सहायता निधि के तहत् 25 हजार से 2 लाख रूपये तक की चिकित्सा सहायता के इलाज के लिए शासन द्वारा अधिकृत अस्पताल में निःशुल्क इलाज करवाया जाता है । वर्ष 2014-15 में जिले के कुल 53 रोगियों को गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु रू. 52 लाख 20 हजार की राशि जिला कलेक्टर द्वारा स्वीकृत की गई है । जिस में हृदय रोग के 24, कैंसर रोग के 19, कूल्हा बदलने हेतु 7, किडनी रोग के 2 एवं ब्रेन सर्जरी हेतु 1 हितग्राही लाभान्वित हुए । जानलेवा गंभीर रोगों के निःशुल्क इलाज हेतु जिले के मरीज बी.पी.एल. प्रमाण पत्र/राशन कार्ड/दीनदयाल कार्ड सहित स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर सकते है ।
क्रमांक/39/2015/457/काषिव

मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्वरोजगार योजना

मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्वरोजगार योजना

खण्डवा (29अप्रैल,2015) - मुख्यमंत्री पिछड़ावर्ग स्वरोजगार योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को स्वरोजगार के रूप में कृषि, उद्योग व्यवसाय स्थापित करने के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाना है। इस योजना के तहत 10 लाख रूपये तक की परियोजना तक ही बैंक ऋण प्रकरण जिनका 30 प्रतिषत अनुदान की राषि 2 लाख रूपये से अधिक न हो प्राथमिकता के आधार पर आवेदन पत्र स्वीकृत किये जावेंगे। उक्त लक्ष्य प्रति हितग्राही औसत रूपये दो लाख पूॅंजी अनुदान का वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऐसे युवक युवतियां जो पषु पालन के लिये कक्षा 5वीं उत्तीर्ण, तकनीकी कार्य के लिये 10वीं कक्षा उत्तीर्ण हो एवं अन्य गतिविधियों के लिये कक्षा 8वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के प्रचार - प्रसार की आवष्यकता है। इसके साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने वाले ऋण प्रकरण जैसे कृषि एवं कृषि पर आधारित व्यवसाय खाद्य प्रसंस्करण ग्रामीण लघु एवं कुटीर उद्योग विषेष रूप से लिए जावेंगे।
  आवेदक जिले का मूल निवासी हो (सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र) परिवार की वार्षिक आय 6 लाख की सीमा के अंतर्गत हो (सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र) उम्र 18 से 45 वर्ष रोजगार कार्यालय का वैद्य पंजीयन, परिवहन संबंधी उद्देष्य हेतु वैद्य व्यवसायिक अनुज्ञप्ति, लायसेंस धारी हो, विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन पात्र गतिविधियो में कृषि क्षेत्र में डेयरी मुर्गी पालन , बकरी पालन, टयूबवेल खनन, इत्यादी परिवहन क्षेत्र में आटो रिक्षा, टेक्सी , बस इत्यादि छोटे व्यवसाय हेतु दुकान, ब्युटीपार्लर, फर्नीचर निर्माण, रेडीमेट गार्मेट, होटल, ढाबा , आटो पार्टस, आटो, कार वर्कषाप, दर्जी, बेकरी इत्यादि तकनीकी व्यवसाय मंे कम्प्यूटर, इंटरनेट, फोटोकॉपी, इलेक्ट्रीनिक्स गुडस विक्रय एवं मरम्मत, मोबाइल विक्रय एवं रिपेयरिंग, विडियो शूटिंग इत्यादि। हितग्राही किसी भी बैंक से डिफाल्टर न हो, वे निर्धारित आवेदन पर जो सहायक संचालक, पिछड़ावर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण खण्डवा से निःषुल्क आवेदन प्राप्त कर सकते है। आयुक्त पिछड़ावर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण मध्य प्रदेष भोपाल द्वारा जिले में 21 हितग्राहियो के लिये रूपये 32 लाख वित्तीय लक्ष्य (अनुदान) निर्धारित करते हुये योजना हेतु शासन ने सहायक संचालक पिछड़ावर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण खण्डवा को संयोजक के रूप में वर्ष 2015-16 के लिये राष्ट्रीयकृत बैंको से ऋण हेतु लक्ष्य दिये गये है पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति 20 जून 2015 तक निर्धारित आवेदन पत्र सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण खण्डवा में सहदस्तावेज सप्रमाणीकरण के साथ प्रस्तुत करें। समयावधि के पष्चात प्राप्त आवेदन पत्रो पर विचार नही किया जावेगा। आवेदन प्राप्ति उपरांत जिला स्तरीय समिति के प्रषिक्षण पष्चात राष्ट्रीयकृत बैंक को ऋण प्रकरण प्रेषित किये जावेंगे। अधिक जानकारी हेतु सहायक संचालक पिछड़ावर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण खण्डवा से सम्पर्क कर सकते है। 
क्रमांक/38/2015/456/काषिव

दिनांक 29 अप्रैल 2015 को समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार पत्र करतनें